Sunday 18 September 2011

आज भी रहस्य बने हुए हैं वुलपिट के ये हरे बच्चे

बारहवीं सदी का इंग्लैंड का यह मशहूर किस्सा है ग्रीन चिल्ड्रेन ऑफ वुलपिट। कहते हैं कि सफ्फोक के वुलपिट गांव में दो बच्चे नजर आए थे। ये भाई-बहन हर लिहाज से सामान्य थे, लेकिन उनकी त्वचा का रंग हरा था। दोनों किसी अनजानी भाषा में बात करते थे और खाने में सिर्फ ग्रीन बीन्स खाते थे। बाद में वे दूसरी चीजें भी खाना सीख गए थे, लेकिन इससे उनकी रंगत फीकी पड़ गई थी। बैप्टाइज किए जाने के बाद लड़का बीमार पड़ गया और उसकी मौत हो गई।
लड़की नई जिंदगी में ढल गई और उसका नाम एग्नेस रखा गया। जब वह इंग्लिश बोलना सीख गई तो उसने बताया था कि वे लोग सेंट मार्टिन्स लैंड से आए हैं। ये धरती के भीतर की एक दुनिया है, जहां के लोग हरे रंग के होते हैं। ये जगह एक नदी के जरिए दुनिया से कटी हुई है। लड़की यहां बड़ी हुई और उसकी शादी भी हुई थी। अनुमान है कि ये 1135 से 1154 के बीच की बात है।
सबसे पहले इनके बारे में 1189 में फिर 1220 में लिखा गया था। इन बच्चों की कहानी कभी किसी को समझ नहीं आई। वुलपिट में ऐसी कोई गुफा भी नहीं है जो धरती के नीचे जाती है। तो क्या ये किसी दूसरे ग्रह से आए थे, ये एक राज है।
वुलपिट के हरे बच्चों की कहानी और कविताएं कई बार लिखी गई हैं। फिर भी आज तक कोई उन बच्चों की हकीकत नहीं समझा सका है। उनकी भाषा, पहनावा और खान-पान भी अलग था। वे किस दुनिया से आए थे ये आज भी राज है।

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